हॉकी पर निबंध - विश्व में कई खेल खेले जाते हैं जैसे Cricket, Football, Hockey, Volleyball, Badminton, Golf, आदि। खेल के माध्यम से हम कई देशों को एक मंच पर लाते हैं। अलग-अलग देशों का अलग-अलग राष्ट्रीय खेल होता है जिसमे भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी (Hockey) है। आज के समय में खेल की लोकप्रियता बहुत अधिक बढ़ गई है।
Essay on Hockey in Hindi - हॉकी पर निबंध
हॉकी पर निबन्ध :- आज के समय में भले ही हॉकी लोकप्रिय खेल नहीं है लेकिन 18वीं शताब्दी में भारत विश्व में हॉकी खेल के लिए प्रसिद्ध था। जिसमे मेजर ध्यानचद्र (Major Dhyanchadra) का नाम सबसे प्रसिद्ध था उनको हॉकी का जादूगर भी कहा जाता है। जब वो खेलते थे तो उनके स्टिक से गेंद का तालमेल इतना सटीक रहता था की लोगो को लगता था की उन्होंने गेंद को अपनी स्टिक से चिपका लिया है जिसके कारण उनके स्टिक की कई बार जाँच भी हुई।
भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है। यह खेल बहुत कम समय में खेला जाता है तथा इससे शारीरिक मनोरंजन भी होता है। इस खेल की लोकप्रियता बहुत कम होने के बाद भी यह इतिहास के कारण आज भी हमारा राष्ट्रीय खेल है।
एक समय ऐसा था जब भारत ने लगातार 6 स्वर्ण पदक जीते थे यह काल हाकी का स्वर्णिम काल कहलाता है। यह समय था 1828 से 1856 के बीच का इस समय में भारत के महान खिलाड़ी टीम में शामिल थे।
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जिसमें हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद भी शामिल थे। इस खेल का इतिहास बहुत लंबा रहा है इस खेल की शुरुआत 1200 ईसा पूर्व ही हो गई थी, लेकिन उस समय इस खेल के नियम अलग थे पर आज की झांकी मैदानों के नियमों के अनुसार खेला जाता है।
आज के इस खेल का विकास 18वीं शताब्दी (18 Century) में हुआ था। आज इस खेल को भारत सहित पाकिस्तान, इंग्लैंड तथा विश्व के अनेक देश खेलते हैं। यह भारत का और पाकिस्तान का राष्ट्रीय खेल है पर आधिकारिक रूप से इसकी अभी तक कोई पुष्टि नहीं की गई है। हॉकी प्राचीनतम खेलों में से एक है। इस खेल में 2 टीमों के बीच मैच होता है दोनों टीमों के पास 11-11 खिलाड़ी होते हैं।
हॉकी से हमें अनेक पदक मिले हैं तथा हमारे देश का खूब नाम रोशन हुआ है। और हमे आज भी हमारी टीम शीर्ष पर है हम इसी माहौल को बनाए रखना है हॉकी खेल के लिए एक निर्धारित मैदान होता है और उस मैदान के मध्य की का मैच खेला जाता है। इस मैच में दोनों टीमों की ओर से एक-एक गोलकीपर होता है जो टीम का एकमात्र ऐसा सदस्य होता है जो गेंद को स्पर्श कर सकता है।
दोनों टीमों का प्रयास रहता है कि वे विपक्षी की नेट में गेंद मारे और अपनी नेट में गेंद को जाने से रोकने का प्रयास करते हैं इस प्रकार जो टीम विपक्षी की नेट में अधिक गोल करता है वह युवा टीम विजई मानी जाती है।
हॉकी किस देश का राष्ट्रीय खेल है ?
हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है, इतना ही नहीं इस खेल को कई देशों में भी खेला जाता है। हॉकी में भारत एक बार तो विश्व चैंपियन भी बन चुका है। हॉकी के विश्व कप में हमारा देश 1928 में विश्व विजेता बन चुका है साथ ही हमारा भारत देश हॉकी में स्वर्ण पदक भी जीत चुका है। जो हमारे और हमारे देश के लिए एक गर्व की बात है।
साल 1928 से साल 1956 का साल हमारे देश के लिए हॉकी का स्वर्ण काल रहा है। इन सालों के बीच देश के खिलाड़ियों ने इस खेल में कई कारनामे किए हैं। इन सालों के बीच ही हमारे देश के खिलाड़ियों ने हॉकी के खेल को और भारत की टीम को विश्व में एक महान पहचान दिलाई है।
हॉकी मैच पर कहानी - Essay on Hockey Match Story in Hindi
प्रस्तावना
हमारे जीवन में खेलों का बड़ा महत्व है। विद्यार्थियों के लिए तो खेलकद और भी आवश्यक है। विद्यार्थियों को विभिन्न खेल खेलने में आनंद मिलता है। उनका मनोरंजन होता है और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है प्रत्येक स्कूल और कॉलेज में इसी नियमित रूप से खेल खेले जाते हैं खेलों का प्रचार तथा विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए मैचों की योजना की जाती है।
हॉकी मैच की तैयारी
दिसंबर मास की 4 तारीख थी। विद्यालय के सूचना पट्ट पर एक सूचना थी कि कल अपराहन 3:00 बजे से हमारी स्कूल टीम और कानपुर से आई हुई अतिथि टीम के बीच स्कूल के खेल के मैदान पर हॉकी का मैच खेला जाएगा। यह जानकार मै अत्यधिक प्रसन्न हुआ। मैं समय से पहले ही खेल के मैदान पर मैच देखने पहुंच गया।
खेल के मैदान पर दर्शकों की काफी भीड़ थी। हमारे विद्यालय के खिलाड़ी अपनी हॉकी स्टिक संभालते हुए खेल के मैदान में अभ्यास कर रहे थे। वे सफेद बनियान व नीली निकर पहने हुए थे। इतने में दूसरी टीम भी आई वे पीली कमीज और सफेद निकर पहने हुए थे सभी खिलाड़ी उत्साहित थे और जीतने की उम्मीद में अपना खेल दिखाने को उत्सुक थे।
हॉकी मैच की शुरुआत
ठीक 3:00 बजते ही खेल का प्रारंभ हो गया। दो रेफरी सिटी लेकर खेल के मैदान में डटे थे। गेंद इधर से उधर खिलाड़ियों की स्टिकों से टकराने लगी । इतने में हमारी स्कूल की टीम का खिलाड़ी आकाश इस बीच से गेंद को लहराते विपक्षी गोल की ओर आगे बढ़ने लगा, बिजली की तरह विरोधी टीम के व्यू को तोड़ता हुआ वह उनके गोल पर जा पहुंचा और बड़ी फुर्ती के साथ उसने गोल कर दिया दर्शक प्रसन्नता से हवा में रुमाल और टोपिया हिलाने लगे। गेंद फिर केंद्र में आ गई।
विरोधी टीम इस गोल से निराश नहीं हुई बल्कि उनके खिलाड़ी उत्साह और विश्वास के साथ खेलने लगे। उनके अग्रिम दल ने बड़ा तेज धावा बोला और हमारे खिलाड़ियों की रक्षा पंक्ति को चीरते हुए गोल पर जा पहुंचे। हमारी ओर का गोलकीपर अरुण गोल बचाने की चेष्टा में लगा। हम सबके हृदय में बड़ी उथल-पुथल मची हुई थी हृदय की गति तेज थी कि कहीं गोल ना हो जाए।
अचानक हमारी आंखें प्रसन्नता से चमक उठी हमारे दल का खिलाड़ी राकेश बड़ी मूर्ति के साथ विरोधियों के दल में घुसकर गेंद निकाल लाया उसने मनीष को पास दिया और गेंद फिर विरोधियों के गोल के निकट जा पहुंची । विरोधी दल के खिलाड़ी जो अपने गोल की रक्षा के लिए जुट पड़े । इतने में सीटी बजी खेल का आधा समय बीत चुका था।
इंटरवल समाप्त होते ही खेल पुनः शुरू हो गया । अब की बार विरोधी दल पिछली हार का बदला चुकाने को जैसे कटिबद्ध था। वह बड़े धैर्य और अनुशासन के साथ एक दूसरे को पास दे रहे थे । उस दल का कप्तान हमारी ओर के खिलाड़ियों को चमका देकर छकाता हुआ हमारे गोल पर पहुंच गया और गोल करने में सफल हो गया, विरोधियों के चेहरे खुशी से चमक उठे।
अब खेल समाप्त होने में केवल 5 मिनट थे। दोनों पक्ष बराबर थे। जीत के लिए दोनो दोनों ही टीम जी तोड़ मेहनत करने लगी थी । अंतिम समय में हमारे दल के खिलाड़ी आकाश ने बड़ी तेजी से आगे आकर दूसरा गोल कर दिया । हमारा विद्यालय एक के विरुद्ध दो गोल से जीत गया । अंत में प्रधानाचार्य महोदय ने सभी खिलाड़ियों के खेल की प्रशंसा की।
उपसंहार
खेल या मैच जीवन के लिए बहुत उपयोगी है इनमें जीवन में अनुशासन की भावना का विकास होता है सहयोग तथा भाईचारा की भावना बढ़ती है । खेलों से शारीरिक बल तथा नैतिक मूल्य में वृद्धि होती है । इससे मनोरंजन भी होता है जिससे मन की प्रसन्नता बढ़ती है । व्यायाम से शरीर स्वस्थ रहता है एवं स्वस्थ मनोरंजन से जीवन आनंदमय में होता है।
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