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हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध - Essay on Importance of Hindi Language

Essay on Importance of Hindi Language

प्रस्तावना :-

हर स्वतंत्र राष्ट्र की अपनी भाषा होती है देश की उन्नति के लिए भाषा का उन्नत एवं विकास होना आवश्यक है। राष्ट्रभाषा ही देश की वह भाषा है जिसके माध्यम से उस देश के विभिन्न प्रांतों के रहने वाले लोग आपस में विचार विनियम करते हैं। राष्ट्रभाषा देश में शासकीय कामकाज का प्रतिनिधित्व करती है भारतीय संविधान में हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार किया गया है।

राष्ट्रभाषा हिंदी का महत्व

किसी देश के विभिन्न प्रांतों में अलग-अलग राज्य भाषाएं हो सकती है, राज्यों में राज्य भाषाओं का पुण्य महत्त्व तथा अस्तित्व रह सकता है परंतु अंत में भी सब राष्ट्रभाषा में उसी प्रकार लीन हो जाती है जैसे प्रांतीय सरकार केंद्र सरकार में लीन हो जाती है। 

राष्ट्रभाषा के द्वारा समस्त राष्ट्र उसी प्रकार एकता के सूत्र में बंधता है, जैसे केंद्र द्वारा प्रांतीय सरकारों में एकता स्थापित की जाती है। 

राष्ट्रभाषा हिंदी का स्वरूप

हिंदी भाषा का जन्म संस्कृत से हुआ संस्कृत की लिपि देवनागरी को अंगीकार करते हुए हिंदी भाषा ने अपना पर्याप्त विकास किया या लिपि हर प्रकार से पूर्ण है । विश्व की किसी भी भाषा की कोई ध्वनि ऐसी नहीं है जिसके उच्चारण का सूचक अक्षर हिंदी में ना हो हिंदी में उच्चारण एवं लेखन की समानता है। 

अब हिंदी का मानक रूप भी स्थिर हो चुका है । जिन प्रांतों में हिंदी भाषा नहीं बोली जाती थी उन प्रांतों में हिंदी भाषा का भी प्रयोग होने वालों की संख्या निरंतर बढ़ती चली जा रही है। 

दक्षिण भारत में अनेक व्यक्तियों ने हिंदी में कार्य साधक योग्यता अर्जित कर ली है। भारतवर्ष में अधिकांश जन समुदाय व अनेक प्रांतों का ही भाषा हिंदी ही है इसे संपूर्ण देश में बोला वह समझा जा सकता है।

हिंदी भाषा का स्थान

हिंदी भाषा इस समय संसार की उन भाषाओं में से एक है जो सर्वाधिक लोगों द्वारा बोली जाती है। इस समय संसार के प्रत्येक विकसित देश के रेडियो प्रसारण में हिंदी को अच्छा सम्मान प्राप्त है विश्व के लगभग सभी देशों के विश्वविद्यालयों में हिंदी को स्थान दिया गया है। 

अमेरिका के 26 विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है हालैंड के सभी विश्वविद्यालयों में हिंदी की शिक्षा चल रही है।  इसी प्रकार अन्य राज्यों में भी हिंदी का गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त है। भारत में सभी विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है अधिकतर विश्वविद्यालयों में हिंदी शिक्षा का माध्यम है।

हिंदी देश की समृद्ध भाषा है इसमें हर प्रकार के साहित्य का निर्माण हो चुका है हिंदी साहित्य ने अब तक कई महान साहित्यकारों को जन्म दिया है कबीर, सूर, तुलसी, बिहारी आदि प्राचीन कवि हिंदी के वरद पुत्र हैं भारतेंदु द्ववेदी, प्रसाद, मैथिलीशरण गुप्त, पंत, महादेवी वर्मा, दिनकर, प्रेमचंद्र आदि जैसे साहित्यकार हिंदी ने पैदा किया है।

हिंदी भाषा की विशेषताएं

हिंदी भाषा को देव भाषा संस्कृत का सबसे सरल रूप कहा जा सकता है हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी लिपि है हम हिंदी भाषा को आसानी से सीख और बोल सकते हैं हिंदी भाषा बहुत ही आसान भाषा है जिससे सभी लोग आसानी से समझ और बोल सकते हैं।

हिंदी भाषा का प्रयोग सभी क्षेत्र में तेजी से बढ़ता जा रहा है हिंदी भाषा का प्रयोग कई Website में भी किया जा रहा है तथा हिंदी भाषा को विशेष महत्व दिया जा रहा है।

उत्तर भारत में ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिंदी भाषा है ऐसा माना जाता था लेकिन अब हिंदी भारत प्रति क्षेत्र में फैल चुका है और धीरे-धीरे हिंदी भाषा को पूरे भारत में लोकप्रिय हो गया है वर्तमान समय में हिंदी भाषा वैश्विक स्तर पर अपनी अलग पहचान बना चुका है।

हिंदी भाषा भारत के अलावा नेपाल, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका, युगांडा, जर्मनी, न्यूजीलैंड तथा सिंगापुर में भी अत्यधिक लोगों द्वारा बोला जाने वाला भाषा हिंदी है।

हिंदी दिवस कब मनाया जाता है ?

Essay on Importance of Hindi Language

हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है। दरअसल इसी दिन संविधान सभा ने वर्ष 1949 में हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में अपनाया था। आजादी के बाद हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाए जाने के संबंध में तमाम बहस हुई। अहिंदी भाषी राज्य हिंदी को राजभाषा बनाए जाने के पक्षधर में नहीं थे इनमें भी दक्षिण भारतीय राज्य जैसे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल प्रमुख थे, 

उनका तर्क था कि हिंदी उनकी मातृभाषा नहीं है और यदि से राजभाषा के रूप में स्वीकार किया जाएगा तो यह उनके साथ अन्याय होगा।  हिंदी भाषी राज्यों के विरोध को देखते हुए संविधान निर्माताओं ने मध्यम मार्ग अपनाते हुए हिंदी को राजभाषा का दर्जा दे दिया इसके साथ ही अंग्रेजी को भी राजभाषा का दर्जा दिया गया।

हिंदी भाषा का विरोध के दुष्परिणाम

जो व्यक्ति स्वभाव के प्रति उदासीन है वह स्वस्थ संस्कृति के प्रति भी उदासीन रहता है। जिसे अपनी भाषा व संस्कृति से प्यार नहीं है उसे अपने देश व समाज से किस प्रकार प्रेम हो सकता है। स्वभाषा भाषा के विरोध में यह समझकर राष्ट्र भावना का विकास किस प्रकार हो सकता है ? देश को विकास की ओर ले जाने के लिए राष्ट्रभाषा को सम्मान देना अत्यंत आवश्यक है।

उपसंहार

हिंदी भाषा में आजादी की लड़ाई लड़ी है। हिंदी में उत्तर दक्षिण को जोड़ा है यही भारत की संपर्क भाषा है। हिंदी के द्वारा कोई भी व्यक्ति भारत के किसी भी कोने में अपना काम चला सकता है। संपूर्ण राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने के लिए हिंदी भाषा सशक्त माध्यम है। 

सभी भारतीय भाषाओं को यथोचित सम्मान मिले परंतु राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी अपने सम्मानित आसन पर विराजमान रहे तभी हम राष्ट्रीय भावनाओं में बंद कर देश के गौरव की रक्षा कर सकते हैं।

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