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Samas in Hindi - समास की परिभाषा, भेद उदहारण

Samas in Hindi

समास का शाब्दिक अर्थ है छोटा करना या संक्षिप्त करना।

किसी बात को अनेक शब्दों में कहने के स्थान पर उसे संक्षिप्त कर दिया जाता है, जैसे रसोई के लिए घर के स्थान पर रसोईघर राजा का पुत्र राजपूत्र शक्ति के अनुसार यथाशक्ति इस प्रकार की शब्द रचना को समास कहते हैं ।

Samas in Hindi - समास की परिभाषा 

Samas in Hindi

दो या दो से अधिक से मिलकर बने हुए एक नये एवं सार्थक शब्द को समास कहते है। समास में दो पद होते हैं - (1) पूर्वपद   (2) उत्तरपद 

Or परस्पर संबंध रखने वाले दो या दो से अधिक शब्दों के मेल को समाज कहते हैं।

समास के उदाहरण - 

राजा का पुत्र   -   राजपुत्र 

रसोई के लिए घर  -  रसोईघर 

हाथ के लिए कड़ी  -  हथकड़ी 

आधा है जो पका  -  अधपका 

नगर में वास  -  नगरवास 

गंगा का जल -  गंगाजल 

समस्त पद - समस्त पद को समास करते समय वाक्य के पद के बीच से विभक्त चिह्न हटा देते हैं विभक्ति रहित शब्दों को मिला देने से जो शब्द बनता है उसे समस्त पद कहते हैं जैसे रसोईघर, राजपूत्र, यथाशक्ति आदि।

समास विग्रह किसे कहते हैं ?

समस्त पद को पुनः पहले जैसी अवस्था में अलग करना समास विग्रह कहलाता है।

समस्तपद             विग्रह

रसोईघर        -        रसोई के लिए घर

राजकुमार       -       राजा का कुमार

पूर्वपद तथा उत्तरपद किसे कहते हैं ?

समास में 2 पद होते हैं  पूर्वपद तथा उत्तरपद

समास में पहले शब्द को पूर्वपद तथा दूसरे शब्द को उत्तरपद कहते हैं। निचे दिए गए उदाहरण से आप इसे आसानी से समझ सकते हैं। 

समस्तपद.            पूर्वपद              उत्तरपद

राजा-रानी            राजा                  रानी 

नर-नारी                नर                   नारी

युद्ध-भूमि              युद्ध                   भूमि

संधि तथा समास में अंतर - (Sandhi tatha Samas me antar)

1.  संधि दो वर्णों का मेल होता है किंतु समाज में दो या दो से अधिक पदों का मेल होता है।

उदाहरण - संधि   -    विद्या  +  आलय  = विद्यालय

              समास   -    राजा का पुत्र    =  राजपुत्र 

                              राम और लक्षण    =   राम लक्ष्मण

2. संधि होते समय एक या दो वर्णों का विकार परिवर्तन होता है जबकि समास में दो या अधिक सब मिलकर एक नया शब्द बनाते हैं।

समास के भेद - Samas ke bhed

Samas ke bhed

भेद तथा उपभेद मिलाकर समाज के 6 प्रकार होते हैं।

1. अव्ययीभाव समास

2. तत्पुरुष समास

3. कर्मधारय समास 

4. द्विगु समास

5. द्वंद समास

6. बहुव्रीहि समास

अव्ययीभाव समास - Avyayibhav Samas in Hindi

जिस समस्त पद यह सामासिक शब्द का प्रथम पद प्रधान व अव्यय हो वह अव्ययीभाव समास कहलाता है जैसे यथाशक्ति, आजन्म, आजीवन आदि।

अव्ययीभाव समास के उदहारण - (Avyayi samas ke udaharn)

समस्त पद     -      विग्रह       -       अव्यय 

यथाशक्ति      -      शक्ति के अनुसार   -  यथा + शक्ति 

आजीवन      -      जीवन तक     -     आ + जीवन 

आमरण      -       मरण तक     -       आ + मरण 

प्रतिदिन     -        दिन दिन    -         प्रति + दिन 

अनुरूप      -        रूप के योग्य    -      अनु + रूप 

यथाक्रम    -       क्रम के अनुसार  -    यथा + क्रम 

भरपेट      -         पेटभर        -          भर + पेट  

समस्त पद

अव्यय

विग्रह

यथाशक्ति

यथा + शक्ति

शक्ति के अनुसार

आजीवन

आ + जीवन

जीवन तक

आमरण

आ + मरण

मरण तक

प्रतिदिन

प्रति + दिन

दिन दिन

अनुरूप

अनु + रूप

रूप के योग्य

यथाक्रम

यथा + क्रम

क्रम के अनुसार

भरपेट

भर + पेट

पेटभर

 कभी-कभी पुनरुक्ति से भी अव्ययीभाव समास बनाए जाते हैं जैसे रातों-रात, धीरे-धीरे, क्षण-क्षण, हाथों-हाथ आदि।

तत्पुरुष समास - Tatpurush Samas in Hindi

जिस समास में द्वितीय पद प्रधान होता है उसे तत्पुरुष समास कहते हैं तत्पुरुष समास में प्रथम पद विशेष्य होता है।

यह प्रकार चौक कारकों की विभक्ति ओं के अनुसार होते हैं। तत्पुरुष समास में जिस कारक का विभक्ति सिम लोप हो जाता है उसी कारक के अनुसार उसका नाम पड़ जाता है।

तत्पुरुष समास के उदाहरण - Tatpurush samas ke udaharan

देश के लिए भक्ति      =         देशभक्ति 

राजा का महल          =         राजमहल

तुलसी द्वारा कृत       =          तुलसीदास कृत 

राजा का पुत्र            =           राजपूत्र

तत्पुरुष समास के भेद - Tatpurush samas ke bhed

तत्पुरुष समास छह पकार का होता है। 

1. कर्म तत्पुरुष

2. करण तत्पुरुष

3. सम्प्रदान तत्पुरुष

4. अपादान तत्पुरुष

5. सम्बन्ध तत्पुरुष

6. अधिकरण तत्पुरुष

Important : समस्त पद बनते समय विभक्ति चिन्हो का लोप हो जाता है तथा इसके विपरीत समास विग्रह  के अंतर्गत विभक्ति चिन्हो 'से', 'पर', 'को' आदि का प्रयोग  जाता है 

  • संस्कृत में हिंदी में कुछ ऐसे समास भी गए हैं जिनसे कुछ विशिष्ट नियमों के कारण संस्कृत की विभक्तियाँ का लोप नहीं होता है। 
        जैसे -  मृत्यु को जीतने वाला - मृत्युंजय (शिव)

           विश्व को भरने वाला - विश्व (ईश्वर)

  • अनेक बार दोनों पदों के मध्य आने वाला 'पूरा शब्द समूह' (परसर्ग की तरह लुप्त) हो जाता है, 

         जैसे - दही + बड़ा  =  दही में डूबा हुआ बड़ा 

1. कर्म तत्पुरुष समास की परिभाषा 

इसमें दो पदों के बीच में कर्म कारक छिपा हुआ होता है कर्म कारक का चिन्ह को होता है 'को' को कर्म कारक की विभक्ति भी कहा जाता है उसे कर्म तत्पुरुष समास कहते हैं।

कर्म तत्पुरुष समास के उदाहरण 

गिरकट              =            गिरह को काटने वाला। 

स्वर्गवास           =            स्वर्ग को प्राप्त। 

रथ चालक          =           रात को चलाने वाला

माखनचोर          =          माखन को चुराने वाला

जनप्रिय             =         जन को प्रिय 

वन गमन          =         वन को गमन

2. करण तत्पुरुष समास - (Karan tatpurush samas kise kahate hain)

जिस वाक्य में पद में करण कारक का बोध होता है इसमें दो पदों के बीच करण कारक छिपा होता है करण कारक का चिन्ह या विभक्ति 'के द्वारा' और 'से' होता है उसे करण तत्पुरुष समास कहते हैं।

करण तत्पुरुष समास के उदाहरण

मनचाहा       =        मन से चाहा। 

बिहारी रचित   =   बिहारी द्वारा रचित 

भुखमरी        =       भूख से मरी

धनहीन           =       धन से हीन

आंखों देखी        =     आंखों से देखा गया

रसभरा          =         रस से भरा

ज्वरग्रस्त         =      ज्वर से ग्रस्त


3. सम्प्रदान तत्पुरुष समास - (Karm tatpurush samas ki Paribhasha)

जिस वाक्य में 2 पदों के बीच संप्रदान कारक छिपा होता है संप्रदान कारक का चिन्ह या विभक्ति 'के लिए' होती है उसे संप्रदान कारक तत्पुरुष समास कहते हैं।

संप्रदान तत्पुरुष समास के उदाहरण

रसोईघर          =        रसोई के लिए घर 

मार्गव्यय        =        मार्ग  के लिए व्यय 

सभाभवन       =        सभा के लिए भवन

सत्याग्रह        =        सत्य के लिए आग्रह

देशभक्ति         =       देश के लिए भक्ति

देवालय         =        देव के लिए आलय

गौशाला         =        गो के लिए साला

स्नानघर        =         स्नान के लिए घर

4. अपादान तत्पुरुष समास - (Apadan tatpurush samas kise kahate hain)

जिस वाक्य में दो पदों के बीच में अपादान कारक छिपा होता है तथा प्रधान कारक का चिन्ह 'से' या विभक्ति से अलग होता है उसे अपादान तत्पुरुष समास कहते हैं।

अपादान तत्पुरुष समास के उदाहरण 

देशनिकाला    =    देश से निकाला 

ऋणमुक्त        =   ऋण से मुक्त 

रोगमुक्त        =     रोग से मुक्त

जन्मरोगि     =     जन्म से रोगी

पथभ्रष्ट        =       पथ से भ्रष्ट 

दुरागत      =        दूर से आगत

पापमुक्त    =        पाप से मुक्त

कामचोर     =      काम से जी चुराने वाला

5. सम्बन्ध तत्पुरुष समास किसे कहते हैं ?

जिससे वाक्यों के दो पदों के बीच में संबंध कारक छिपा होता है तथा संबंध कारक 'के' चिन्ह तथा विभक्ति 'का,की, की' होती है उसे संबंध तत्पुरुष समास कहते हैं।

सम्बन्ध तत्पुरुष समास के उदाहरण - (Sambandh tatpurush samas ke udaharan)

गंगाजल   =   गंगा का जल 

दीनानाथ   =   दिनों का नाथ 

लोकतंत्र    =   लोक का तंत्र

देवपूजा    =   देव की पूजा

राजूपुत्र    =   राजा का पुत्र

राजनीति    =   राजा की नीति

सुखयोग   =   सुख का योग

जलधारा    =   जल की धारा

मूर्तिपूजा    =   मूर्ति की पूजा

राजकुमारी   =   राजा की कुमारी 

सीमारेखा   =    सीमा की रेखा

6. अधिकरण तत्पुरुष समास किसे कहते हैं ?

जिस वाक्यों में दो पदों के बीच अधिकरण कारक छिपा होता है तथा अधिकरण कारक का चिन्ह या विभक्ति 'में, पर' होता है उसे अधिकरण तत्पुरुष समास कहते हैं।

अधिकरण तत्पुरुष समास का उदाहरण - (Adhikaran tatpurush samas ka udaharan)

नगरवास   =   नगर में वास 

आपबीती   =   आप पर बीती 

कार्यकुशल   =   कार्य में कुशल

वनवास    =    वन में वास

सिरदर्द    =    सिर में दर्द

आपबीती    =   आप पर बीती

जलमग्न   =    जल में मग

आनंदमगन    =   आनंद में मगन

दीनदयाल    =    दिनों पर दयाल 

कर्मधारय समास - Karmdharay samas in Hindi

जिस समासिक शब्द का उत्तर पद प्रधान हो और पूर्वपद का उत्तरपद में विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान उपमेय  सम्बन्ध हो, वह कर्मधारय समास कहलाता है।

Or  

कर्मधारय समास तत्पुरुष का भेद है इस समाज का पूर्व पद विशेषण और उत्तर पद विशेष्य होता है।

समस्त पद                   विग्रह

नीलगाय        -           नीली है जो गाय

महाराज          -        महान है जो राजा

ध्यान दें - हिंदी कभी कभी विशेष्य पहले तथा विशेषण बाद में भी आ सकता है। जैसे -

पुरुषोत्तम  -   पुरुष      +     उत्तम 

                   (संज्ञा)             (विशेषण)

ऋषिवर  -    ऋषि      +      वर (श्रेष्ठ)

                 (संज्ञा)               (विशेषण)

कर्मधारय समास के उदहारण - (Karmdharay samas examples in Hindi)

विशेषण                  विशेष्य                    

नीलकंठ            निल  +  कंठ             नीलाकंठ 

नीलकमल         निल   +   कमल       नीलाकमल 

पीताम्बर           पित   +   अम्बर       पीलावस्त्र 

महादेव              महा   +   देव           महानदेवता 

नीलगाय             नीली जो गाय 

परमानन्द            परम जो आनंद

नीलकंठ               नीला है जो कंठ 

महात्मा              महान है आत्मा 

सद्धर्म                  सत् है जो धर्म 

अधपका              आधा है जो पका   

द्विगु समास - Dvigu samas in Hindi

जिस समासिक शब्द  पूर्णपद संख्यावाचक विशेषण हो उसे द्विगु समास कहते हैं। इससे समूह अथवा समाहार का बोध होता है। 

यह कर्मधारय समास का भेद है इस समाज में पूर्व पद संख्यावाचक होता है और किसी समूह का बोध कराता है।

द्विगु समास के उदाहरण - (Dwigu samas examples in Hindi)

संख्यावाचक विशेषण    -      विशेष्य 

  तिरंगा          -             तीन रंगों का समूह

  अठन्नी           -          आठ आनो का समूह

  पंचवटी          -            पाँच पेड़ो वाला स्थान 

  शताब्दी         -             सौ वर्षो का समूह 

  नवग्रह          -              ग्रहों  समूह 

  दोपहर           -             दो पहरों का समाहार 

 चौमासा         -              चार मासो का समूह 

द्वन्द्व समास - Dvandva Samas ki Paribhasha Aur Udaaharan

जिस सामासिक शब्दों  दोनों पद प्रधान होते हैं तथा विग्रह करने पर 'और', 'अथवा', 'या', 'एवं' लगता है, वह द्वन्द समास कहलाता है।  

द्वन्द्व समास के 10 उदारहण 

समस्त पद                       विग्रह

माता पिता          -           माता और पिता

छात्र-छात्राएं        -          छात्र और छात्राएं

भाई-बहन          -           भाई  और बहन

गंगा-यमुना        -          गंगा और यमुना 

पाप-पुण्य          -           पाप  पुण्य 

खरा-खोता        -           खरा या खोटा 

दाल-भात        -            दाल और भात 

द्वन्द समास  मुख्य रूप से तीन भेद होते है - 

1. इतरेतर द्वन्द     -      और/अथवा 

2. समाहार द्वन्द  (पदों के अर्थ के अतिरिक्त उसी प्रकार के अन्य अर्थ का ज्ञान)

3. वैकल्पिक     -     या /अथवा 

बहुव्रीहि समास - Bahubrihi samas 

जिस समस्त पद में कोई भी पद प्रधान नहीं होता और सारा समस्त पद के अर्थ के अतिरिक्त कोई सांकेतिक अर्थ प्रधान हो, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।

उदाहरण - Bahubrihi samas examples

समस्त पद      -       विग्रह  -   ( विशेषण)

चतुर्भुज     -     चारभुजा वाला   - (विष्णु)

गिरिधर      -      गिरी को धारण करने वाला -  (कृष्ण)

निलकंठ        -       नीला है कंठ जिसका - (शिव) 

गजानन      -    गज का आनन है जिसका - (गणेश)

दशानन    -   दस सर है जिसका - (रावण)

स्वेताम्बर   -   सफ़ेद वस्त्र है जिसका - (सरस्वती)

विणापाणी    -   विणा है जिसके हाथ में - (सरस्वती)

बहुव्रीहि समास के भेद - (Bahubrihi samas ke bhed) 

1. समानाधिकरण        -      (सामान विभक्ति वाले शब्द)

2. व्यधिकरण        -       (असमान विभक्ति वाले शब्द)

3. तुल्ययोग         -         (पहला पद सहबोधक)

4. व्यतिहार        -          (घात - प्रतिघात सूचक)

कर्म धारय और द्विगु समास में अंतर 

कर्मधारय समास में समस्तपद का एक पद गुणवाचक विशेषण और दूसरा विशेष्य होता है ; लेकिन द्विगु समास में पहला पद संख्यावाचक विशेषण और दूसरा विशेष्य होता है। 

उदाहरण -

नीलकमल              निल कमल  -    (कर्मधारय)

महाजन                  महा जन    -    (कर्मधारय)

कर्मधारय और बहुव्रीहि समास में अंतर 

कर्मधारय समास में एक पद विशेषण या उपमान होता है और दूसरा विशेष्य या उपमेय होता है, जबकि बहुव्रीहि समास में समस्त पद की किसी संज्ञा का विशेषण होता है। 

कर्मधारय समास - (karmdharay samas)

पीताम्बर   =  पीला कपडा    (विशेषण - पीला)

नीलकंठ    =  नील कंठ    (विशेषण - नीला)

बहुव्रीहि समास - (Bahubrihi samas)

पीताम्बर   =   पीले वस्त्रो वाला         (श्री कृष्ण)

नीलकंठ    =   नीला है जिसका कंठ    (शिव)

द्विगु और बहुव्रीहि समास में अंतर 

द्विगु समास में समस्तपद का पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है और दूसरा पद उसका विशेष्य, लेकिन बहुव्रीहि समास में समस्तपद ही विशेषण का कार्य करता है। 

द्विगु समास - Dwigu samas

समस्तपद                       विग्रह 

त्रिफला                            तीन फलों का समूह 

पंचरत्न                            पाँच रत्नो समूह 

बहुव्रीहि समास - Bahubrihi samas

समस्तपद                           विग्रह

त्रिफला                               तीन फलों वाला 

पंचरत्न                                पाँच रत्नो वाला 

Samas in Hindi Exercise Questions with Answer

प्रश्न 1. किस शब्द में दूसरा शब्द प्रधान रहता है ?

उत्तर : तत्पुरुष समास में 

प्रश्न 2.  किस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं ?

उत्तर : द्वन्द समास 

प्रश्न 3. किस समास में पहले या कोई बाद का कोई भी पद प्रधान नहीं होता है ?

उत्तर : बहुब्रीहि समास 

प्रश्न 4. जिस समास में अर्थ की दृष्टि  उत्तर पद प्रधान और पूर्व पद गौण हो, उसे क्या कहते हैं ?

उत्तर : तत्पुरुष समास 

प्रश्न 5.  'यथाशक्ति' में कौन सा समास है ?

उत्तर : अव्ययीभाव समास 

प्रश्न 6.  'जलमग्न' में कौन सा समास है ?

उत्तर : तत्पुरुष समास 

प्रश्न 7. 'बज्रपाणि' शब्द में कौन सा समास है ?

उत्तर : बहुब्रीहि समास 

प्रश्न 8.  'पंचवटी' शब्द समास में कौन सा समास है ?

उत्तर : द्विगु समास 

प्रश्न 9. बारहसिंगा शब्द में कौन सा समास है ?

उत्तर : बहुब्रीहि समास 

प्रश्न 10. कर्मधारय समास का उदाहरण है 

उत्तर : श्वेतपत्र 

प्रश्न 11. 'परमानन्द' शब्द में कौन सा समास है ?

उत्तर : कर्मधारय समास 

प्रश्न 12.  'निशाचर' शब्द में कौन सा समास है ?

उत्तर : बहुब्रीहि समास 

प्रश्न 13. 'चौरहा' शब्द में कौन सा समास है ?

उत्तर :द्विगु समास 

प्रश्न 14. 'दशमुख' शब्द में कौन सा समास है ?

उत्तर : बहुब्रीहि समास 

प्रश्न 15. 'दशानन' शब्द में कौन सा समास है ?

उत्तर : बहुब्रीहि समास 

प्रश्न 16. 'रोगपीड़ित' शब्द में कौन सा समास है ?

उत्तर : तत्पुरुष समास 

प्रश्न 17. 'प्रतिमान' शब्द में कौन सा समास है ?

उत्तर : अव्ययीभाव समास 

प्रश्न 18. 'कामचोर' शब्द में कौन सा समास है ?

उत्तर : तत्पुरुष समास 

प्रश्न 17. 'नीलकमल' शब्द में कौन सा समास है ?

उत्तर : कर्मधारय 

प्रश्न 18. 'पीताम्बर' शब्द में कौन सा समास है ?

उत्तर : बहुब्रीहि समास 

प्रश्न 19. 'चंद्रशेखर' शब्द में कौन सा समास है ?

उत्तर : बहुब्रीहि समास 

प्रश्न 20. 'रात-दिन' शब्द में कौन सा समास है ?

उत्तर : द्वन्द समास 

प्रश्न 21. 'बहन-भाई' शब्द में कौन सा समास है ?

उत्तर : द्वन्द समास 

प्रश्न 22. 'देशप्रेम' शब्द में कौन सा समास है ?

उत्तर : तत्पुरुष समास 

प्रश्न 23. 'तिराहा' शब्द में कौन सा समास है ?

उत्तर : द्विगु समास 

प्रश्न 24. 'भरपेट' में कौन सा समास है ?

उत्तर : अव्ययीभाव समास 

प्रश्न 25. 'वनवास' शब्द में कौन सा समास है ?

उत्तर : तत्पुरुष समास 

प्रश्न 26. 'आजन्म' शब्द में कौन सा समास है ?

उत्तर : अव्ययीभाव समास 

प्रश्न 27. 'राजद्रोह' शब्द कौन सा समास है ?

उत्तर : तत्पुरुष समास  

प्रश्न 28. 'प्रतिदिन' शब्द कौन सा समास है ?

उत्तर : अव्ययीभाव समास 

प्रश्न 29.'सतरंग' शब्द कौन सा समास है ?

उत्तर : द्विगु समास 

प्रश्न 30. 'सूर्योदय' शब्द कौन सा समास है ?

उत्तर : तत्पुरुष समास 

प्रश्न 31. किस समास  दोनों पद प्रधान होते हैं ?

उत्तर : द्वन्द समास 

प्रश्न 32. 'कमलचरण' शब्द में समास है -

उत्तर : कर्मधारय समास  

प्रश्न 33. 'शोकाकुल' में समास है -

उत्तर : तत्पुरुष समास 

प्रश्न 34. 'जय-पराजय' में कौन सा समास है ?

उत्तर : द्वन्द समास 

प्रश्न 35. 'लंबोदर' उदाहरण है -

उत्तर : बहुब्रीहि समास का 

प्रश्न 36. 'यथारुचि' में समास है -

उत्तर : अव्ययीभाव समास 

प्रश्न 37. 'उपकूल' कौन-सा समास है -

उत्तर : अव्ययीभाव समास 

प्रश्न 38. 'समास' का शाब्दिक अर्थ होता है -

उत्तर : संछेप 

प्रश्न 39. 'रसोईघर' में कौन सा समास है ?

उत्तर : तत्पुरुष समास 

प्रश्न 40. 'नीलगाय' में कौन-सा समास है ?

उत्तर : कर्मधारय समास     










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