Advertisement

Computer Ki Visheshta | Characteristics of Computer | कंप्यूटर की विशेषता

आज के समय में सायद ही कोई ऐसा काम है जो कंप्यूटर के बिना होता हो, इस technology के समय में ज्यादातर काम लोग कंप्यूटर से कर रहे हैं। क्या आप जानते हैं Computer Ki Visheshta क्या है यह कैसे काम करता है इसमें कौन-कौन से उपकरण होते हैं। इस लेख में हम Computer Ki Visheshta (कंप्यूटर की विशेषता) और इसकी परिभाषा, प्रकार, खोज, इतिहास, फुल फार्म इन सभी टॉपिक को विस्तृत रूप से दिया गया है। इसे ध्यान पूर्वक पढ़े और जानें। चलिए हम जानते है Computer Ki Visheshta (Characteristics of Computer) कंप्यूटर की विशेषता क्या है ?

Computer Ki Visheshta - कंप्यूटर की विशेषता

Computer Ki Visheshta - कंप्यूटर की विशेषता  

'Computer' शब्द लैटिन भाषा के Computer शब्द से बना है, जिसका अर्थ है - 'गणना करना' , अतः कंप्यूटर का शाब्दिक अर्थ है गणना करने वाला। दूसरे शब्दो में, कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है, जो गणना करती है या गणनाओं की करने में हमारी सहायता करती है। 

हालांकि आजकल कंप्यूटर के रूप जो प्रचलित है उसमे गणना करना यानि जोड़ना, घटाना, गुना करना, भाग देना आदि गणितीय क्रियाएँ करना शामिल है।

यह कंप्यूटर द्वारा किये जाने वाले बहुत से कामो का एक छोटा सा भाग है, लेकिन शुरुआत में कंप्यूटर की कल्पना और विकाश एक ऐसे यन्त्र के रूप में की गई  थी , जो तेजी से गणनाएँ कर सके। बाद में, इसकी छमताओं और विशेषताओं को देखकर इसका उपयोग विभिन्न कार्यों में किया जाने लगा। 


यह भी पढ़े - Also read this

कंप्यूटर की परिभाषा - Definition of Computer 

कंप्यूटर एक स्वचालित तथा निर्देशों के अनुसार कार्य करने वाली इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है , जिसमे डाटा प्राप्त, संग्रहित और प्रदर्शित करने की छमता होती है। 

इस डिवाइस द्वारा प्राप्त डाटा प्रयोग करते हुए किसी प्रोग्राम के निर्देशों के अनुसार गणितीय, तार्किक और मैनीपुलेटिव क्रियाओं को करते हुए सूचना को विभिन्न रूपों में प्रदर्शित किया जा सकता है।  कोई कंप्यूटर बड़ा या छोटा, नया हो या पुराना, उसकी मूल संगरचना हमेशा एक जैसे ही होती है। 

कंप्यूटर का फुल फॉर्म - Full Form of Computer

'Computer' का पूरा नाम Common Operated Machine Particularly Used in Technical and Education Research है। 

कंप्यूटर के भाग - Parts of Computer 

प्रत्येक कंप्यूटर के निम्न मुख्य भाग होते हैं। 

1 - Input 

2 - Output 

3 - Central Processing Unit

4 - Memory

1 - Input

इनपुट उपकरणों का कार्य यह है कि हम अपनी भाषा में उन्हें जो भी डाटा या आदेश देते हैं, उसे बाइनरी कोड (Binary Code) में बदलकर कंप्यूटर यानि CPU में भेज देता है। किसी इनपुट साधन निम्नलिखित कार्य किये जाते हैं। 

  • यूजर द्वारा दिए गए डाटा को कंप्यूटर सिस्टम को उपलब्ध कराना। 
  • यूजर द्वारा दिए गए निर्देशों को प्राप्त करना। यूजर द्वारा दिए गए निर्देशों को कंप्यूटर द्वारा स्वीकार किए जाने वाले रूप में बदलना। 

आधुनिक कम्प्यूटरो में Keyboard, Mouse, trek ball, Joystick, Light pan, Scanner, Optical reader, आदि  इनपुट प्रचलित डिवाइस है। 

2 - Output 

आउटपुट उपकरण कंप्यूटर से प्राप्त होने वाले परिणामों को, जो बाइनरी कोड में होते हैं, उन्हें हमारे लिए उचित संकेतो या भाषा और चित्रों में बदलकर हमे दिखाते हैं। किसी आउटपुट डिवाइस द्वारा निम्नलिखित कार्य किये जाते हैं 
  • कंप्यूटर सिस्टम द्वारा दिए गए परिणामों को यूजर को दिखाना। कंप्यूटर ऑपरेटर को संकेतो की जानकारी देना। 
  • कंप्यूटर द्वारा दिए गए परिणामों को सेकण्डरी स्टोरेज इकाई में स्टोर करना। किसी भी प्रकार की सूचना और संदेशो को तुरंत ही दिखाना। 

  3. Central Processing Unit (CPU)

 Central Processing Unit ही वास्तविक कंप्यूटर है। इसे कंप्यूटर का मस्तिष्क (Brain) भी कहा जाता है। कंप्यूटर में किये जाने वाले सभी काम Central Processing Unit (CPU) द्वारा ही किये जाते हैं। Personal Computer के CPU में एक छोटा सा माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor) होता है।

इस पर तीन भागो में परिपथ (Circuit) होता है। जैसे - कण्ट्रोल इकाई (Control Unit, CU), अंकगणितीय और तार्किक इकाई (Arithmetic and Logic Unit, ALU) और रजिस्टर (Register)

CPU के कार्य 

CPU के प्रमुख कार्य निम्न हैं 
  • निर्देशों और डेटा को मुख्य मैमोरी से रजिस्टर्स में ट्रांसफर करना। 
  • निर्देशों का क्रमिक रूप से Execution करना। 
  • आवश्यकता पड़ने पर आउटपुट डेटा को रजिस्टर्स से मुख्य मैमोरी में ट्रांसफर करना। 

4.  Memory 

 मैमोरी कंप्यूटर का वह भाग होता है जो डाटा और निर्देशों को संग्रहित करता है। कंप्यूटर की मैमोरी आधुनिक कम्प्यूटरो के मूल कार्यों में से एक यानि सूचना स्टोरेज (Information Storage) की सुविधा प्रदान करती है। 
यह कंप्यूटर के CPU का एक भाग होता है और उससे मिलकर सम्पूर्ण कंप्यूटर बनाता  है। 
इसके पास दो प्रकार की मैमोरी होती है Primary Memory और Secondary Memory । 

Primary Memory CPU से सीधे जुडी होती है और उसमे स्टोर डाटा को लगातार पढ़ती रहती है और उनका पालन कराती है। Secondary Memory CPU से बाहर होती है और उसमें डाटा स्टोर करने की Capacity Primary Memory से अधिक होती है। 

कंप्यूटर के प्रकार - Types of Computer in Hindi

कंप्यूटर को तीन भागों में बांटा गया है -
  • Analog Computer
  • Digital Computer
  • Hybrid Computer

1. Analog Computer

Analog computers are used mostly in Medical Sciences. This very kind of computers work on continuous data values, for e.g. if you have to calculate the pressure or something similar then kind of technology having will be useful.

एनालॉग कंप्यूटर में डाटा, ट्रांसमिशन एक सीधी रेखा में होता है जिसे एनालॉग ट्रांसमिशन कहते हैं।  जैसे - तापमान, पारे, दाब अन्य भौतिक प्रकृति की सूचनायें इत्यादि। 

2. Digital Computer 

Digital computers are the most commonly used computer on a digital technique which is widely used and preferred now-a-days. This kind of computers uses micro processor technology which is quite digital and able to calculate and execute million of instruction within a second. This also comes under kind of categories in many parts, see below.

डिजिटल कंप्यूटर वो कंप्यूटर होते हैं जो डिजिटल तकनीक का अनुसरण करते हैं। इनमे माइक्रोप्रोसेसर प्रयोग किया जाता है जो एक सेकण्ड में करोड़ो निर्देषो को क्रियान्वित कर सकता है। यह बाइनरी वैल्यू 0 , 1 के आधार पर कार्य करता है, 0 फॉल्स (गलत) और 1 ट्रू (सही) सिग्नल प्रदर्शित करता है, ये सिग्नल डिस्क्रीट होते हैं।  इन्हे भी चार भागों में बांटा गया है जो निम्नलिखित है। 

(i) Micro Computer

Micro computer is very small so that called Micro processor and device is called Micro computer. Micro computer is single user device example: Desktop, Laptop, Palmtop, Notebook, PDA etc.

यह सबसे छोटा कंप्यूटर होता है जिसमे LLU और CPU एक ही चिप में लगे होते हैं।  

(ii) Mini Computer

Mini computer The processor of mini computer is small but larger than micro processor,  Mini computeris multi user device generally used in designing company for commercial use. 

ये माइक्रो कंप्यूटर से अधिक क्षमता वाला होता है और एक ही समय में कई काम को कर।   ये डाटा को बहुत तेजी से संसाधित कर सकते हैं। 

(iii) Mainframe Computer

Mainframe computer It has larger processor and multi user device. Number of users is more than Mini computer. This is multiuser and multitasking device mostly used in Metrology.

ये बहुत अधिक क्षमता वाले और आकार  में बहुत बड़े होते हैं।  ये डाटा की बड़ी मात्रा को तेजी से संसाधित कर सकते हैं, इनका उपयोग बैंको, बड़ी कंपनियों और सरकारी विभागों में होता है। 

(iv) Super Computer

Super computer The processor is biggest than other computer and processing capacity is highest than other devices. It is  multiuser fastest calculating device, generally used in nuclear calculation purpose CRAY-I is the first Super Computer. India's first Super computer is PARAM-10,000.

यह कंप्यूटर बहुत तेज गति और अत्यधिक संग्रह क्षमता वाले होते हैं।  इनका आकार बहुत बड़ा होता है।  पहला सुपर कंप्यूटर CRAY-I वर्ष 1976 में CRAY Research Company द्वारा विकसित किया गया था।  भारत का पहला सुपर कंप्यूटर परम-10000 है। 

3.  Hybrid Computer

Hybrid computer The kind of computers comes with the both characteristic digital and analog are called hybrid. This is used where it needs to calculate  both digital and analog data for E.C.G machine in hospital

इस प्रकार के कंप्यूटर में एनालॉग और डिजिटल कंप्यूटर दोनों की विशेषताएं होती हैं।  हाइब्रिड कंप्यूटर का सबसे अधिक प्रयोग चिकित्सा के छेत्र में किया जाता है। जैसे - ई0सी0जी0 मशीन। 

कंप्यूटर का इतिहास History of Computer

आधुनिक कम्प्यूटरों का अस्तित्व में आए मुश्किल से 50 वर्ष ही हुए हैं, लेकिन उनके विकास का इतिहास बहुत पुराना है। 

सबसे पहला कंप्यूटर 'Abacus', वर्ष 1602 में चीन (Chin)नाम व्यक्ति के द्वारा बनाया गया था। यह कंप्यूटर सबसे पहला और सरल यन्त्र Horizontal तारों में गोलाकार मोतियों  द्वारा गणना की जाती थी। जोड़ने और घटाने के लिए प्रयोग किया जाता था। वर्गमूल निकालने के लिए भी प्रयोग किया जाता था। 

उसके बाद वर्ष 1617 में जॉन नेपियर (John Napier)  ने 'Napier's Bones' नामक कंप्यूटर का अविष्कार किया जो 10 आयताकार पट्टियों पर 0 से 9  तक के पहाड़े इस प्रकार लिखे होते हैं की एक पट्टी के दहाई के अंक दूसरी पट्टी के इकाई के अंको के पास आ जाते थे। 

गणना के लिए प्रयोग में आने वाली प्रद्यौगिको को राबडोलोगिया (Rabdologia) कहते हैं। इस कंप्यूटर के द्वारा गुणा बहुत काम समय में की सकती थी। गुणा किये हुए परिणाम को ग्राफिकल संगरचना द्वारा दर्शाया जाता था। 

वर्ष 1642 में ब्लेज़ पास्कल (Blaise Pascal) द्वारा Pascaline नामक कंप्यूटर का अविष्कार किया गया। यह कंप्यूटर प्रथम मकैनिकल एडिंग मशीन थी। यह मशीन ओडोमीटर और घड़ी के सिद्धांत पर काम करती थी। इस कंप्यूटर से संख्याओं को जोड़ने और घटाने के प्रयोग किया जाता था। 

उसके बाद जोसेफ-मेरी जैकार्ड (Joseph Marie Jacquard) द्वारा वर्ष 1801 में Jacquard Loom नामक कंप्यूटर का अविष्कार किया गया।  यह एक ऐसी बुनाई करने वाली मशीन थी, जिसमे बुनाई के डिज़ाइन डालने के लिए छिद्र किये हुए कार्डो का उपयोग किया जाता था।  यह प्रथम मकैनिकल लूम था। इसका प्रयोग कपड़े बुनने के लिए किया जाता था। 

कुछ समय बीतने के बाद वर्ष 1837 में चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage), जिन्हे हम कंप्यूटर का जनक कहते है। इन्होने Analytical Engine का अविष्कार किया।

 इस मशीन के पांच मुख्य भाग होते थे। इस मशीन को आधुनिक कंप्यूटरों का प्रारूप माना जाता है। यह एक मकैनिकल मशीन थी।  इस मशीन क प्रयोग सभी गणितीय क्रियाओं को करने में किया जाता था। 

इसके बाद वर्ष 1880 में हर्मन होलेरिथ ने Tabulating Machine नामक कंप्यूटर का अविष्कार किया। इस कंप्यूटर में संख्या पढ़ने का कार्य छेद किये हुए कार्डों द्वारा किया जाता था। एक समय में एक ही कार्ड को पढ़ा जाता था। इसका प्रयोग 1890 की  जनगणना में किया गया था। 

वर्ष 1944 में हावर्ड आइकन के द्वारा विश्व का प्रथम पूर्ण स्वचालित विद्युत यांत्रिक (Electromechanical)  गणना किया जाने वाला यन्त्र का अविष्कार किया गया । इस कंप्यूटर का नाम Mark-1 था, इसमें इंटरलॉकिंग, पैनल के छोटे गिलास,काउंटर, स्विच और नियंत्रण सर्टिक होते थे। इसका प्रयोग गणनाएँ करने में किया जाता था। 

वर्ष 1946 में जे पी एकर्ट और जॉन मौचली ने ENIAC नामक कंप्यूटर का अविष्कार किया। यह एक बीस एक्युमूलर्स का एक संयोजन था था। यह विश्व का पहला डिजिटल कंप्यूटर था। इसका प्रयोग प्राइवेट फर्मो, इंजीनियर रिसर्च एसोसिएशन और IBM किया जाता था। 

20वीं शताब्दी में कंप्यूटर के अविष्कार का सिलसिला अभी थमा नहीं, वर्ष 1949 में मौरिस विल्कस ने EDSAC नामक कंप्यूटर का अविष्कार किया। यह एक प्रोग्राम संगृहीत डिजिटल कंप्यूटर था। इसका प्रयोग वर्गों के पहाड़ो की भी गणना क्र सकता था। 

इसके बाद वर्ष 1951 में जे प्रेस्पर एकर्ट और जॉन मौचली ने UNIVAC नामक कंप्यूटर का अविष्कार किया।  यह एक संख्या और शब्दो दोनों प्रकार के डाटा को संसाधित करता था।  यह मैग्नेटिक टेप का प्रयोग इनपुट और आउटपुट के लिए करता था। इसका प्रयोग व्यावसायिक के लिए किया जाता था। 

कुछ ही समय बाद वर्ष 1954 में IBM कंपनी ने IBM-650 नामक कंप्यूटर का अविष्कार किया। यह एक इनपुट/आउटपुट यूनिट Alphabetically और Special character को दो अंकीय डेसीमल कोड में परिवर्तित करता है। इसका प्रयोग पेयरोल प्रोसेसिंग रिसर्च एनालिसिस (Payroll Processing Research Analysis) के लिए किया जाता था।  

कंप्यूटर की विशेषताएं - Characteristics of Computer

Speed 

कंप्यूटर थोड़े ही समय में लाखों गणनाएं कर सकता है।  यह इतना तेज़ होता है कि एक सेकण्ड में हज़ारो- लाखों गणितीय क्रियाएं एक साथ कर सकता है यानि कंप्यूटर में आंकड़ों को तेज़ गति से संसाधित किया जा सकता है। 

Accuracy 

कंप्यूटर कठिन-से-कठिन प्रश्न को भी बिना किसी गलती के हल कर सकता है। इसमें शुद्ध निर्देशों (Instruction) और आंकणो (Data) के द्वारा Accurate सूचनाएं प्राप्त होती हैं। प्रोग्रामर द्वारा गलत प्रोग्राम बनाने के कारण कभी कभी कंप्यूटर गलत सूचनाएं दे देता है लेकिन इसके द्वारा दिए गए परिणाम हमेशा सही और Accurate होते हैं। 

High Storage Capacity 

कंप्यूटर अपनी मैमोरी में सूचनाओं का बड़ा भण्डार रख सकता है।  इसमें बहुत आकड़ो और  प्रोग्रामों को रखने की छमता होती है। कंप्यूटर के External और Internal storage माध्यम जैसे Hard Disk, CD ROM आदि में डेटा और सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है , जिसे हम प्रायः प्रयोग करते है। 

Versatile 

कंप्यूटर एक बहुउद्देशीय (Versatile) मशीन है।  इसका उपयोग भिन्न-भिन्न छेत्रो में विभिन्न कार्यों को करने में किया जाता है। इसका प्रयोग शिक्षा, चिकित्सा, औद्योगिक, वैज्ञानिक, खगोलशाष्त्र, शोध, खेलकूद, ज्योतिष, साहित्य और प्रकाशन आदि छेत्रों में किया जाता है। 

Reliability 

कंप्यूटर की याद रखने की शक्ति और शुद्धता बहुत अच्छी होती है।  इसलिए इसमें या इससे जुड़ी सभी क्रियाएं विश्वसनीय होती हैं। यह वर्षों तक कार्य करने के बाद थकता नहीं है तथा कई वर्षो के बाद भी अपनी मैमोरी में से डाटा को बिना किसी परेशानी के तुरंत दे सकता है। 

कंप्यूटर की सीमाएँ - Limitations of Computer 

मशीन की कुछ अपनी सीमाएं होती हैं, जो उस स्तर पर उसकी छमता की द्योतक होती हैं। यहाँ पर कंप्यूटर की सीमाएं निम्नलिखित है -

(i)    Expensive  

कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर बहुत महंगे होते हैं। 

(ii)   Depend on Electricity 

 कंप्यूटर एक यांत्रिक मशीन है जिसके कारण कंप्यूटर को चलाने के  लिए विद्दुत की आवश्यकता   होती है, विधुत के बिना यह एक खाली डब्बे के समान है।

(iii)  No IQ 

 कंप्यूटर एक मशीन है, जिसमे स्वयं सोचने-समझने की छमता नहीं होती है। कंप्यूटर  केवल दिए   गए निर्देशों के आधार पर ही कार्य करता है। 

(iv)  Effect from Virus 

कंप्यूटर को कोई भी Virus, कंप्यूटर की कार्य छमता को प्रभावित कर सकता है और उसके अंदर रखे गए सुचना और निर्देशों को ख़राब कर सकता है। 

(v)  Indiscreetly 

 कंप्यूटर विवेकहीन होता है इसलिए यह स्वयं के विवेक और बुद्धि के अनुसार काम  नहीं करता है।   यह मनुष्य द्वारा संगृहीत निर्देशों और सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के अनुसार ही काम करता है। 

(vi) Lack of Emotion

कंप्यूटर मनुष्य के जैसे मानवीय गतिविधियों के परिणामस्वरूप भावनाएं प्रकट नहीं क्र सकता। यह न किसी कीमती वस्तु को पाकर खुश हो सकता है और न ही किसी हानि से दुखी हो सकता है। इसलिए इसमें भावुकता नहीं होती है। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ