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साइबर क्राइम क्या है और साइबर क्राइम के प्रकार

 Cyber Crime introduction

बीते कुछ दशकों से सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) का बहुत तेजी से विकास हुआ है और इस छेत्र में सभी विकास बहुत तीब्र गति से हुए हैं।आपने साइबर क्राइम का नाम तो सुना ही होगा लेकिन क्या आप जानते है ये साइबर क्राइम क्या है और साइबर क्राइम के प्रकार ?  इसमें directly या indirectly रूप से इंटरनेट की मुख्य भूमिका रही है।

Information Technology की उन्नति के साथ ही उसके दुरुपयोग की दिशा में भी कम प्रयास नहीं हुए है। Information Technology के दुरुपयोग को 'Cyber Crime' कहा जाता है। इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए शासन स्तर से प्रयास किये गए है , जिनको सार्वजनिक रूप से सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के अन्तर्गत समायोजित किया गया है। 

कंप्यूटर सिक्योरिटी को साइबर सिक्योरिटी या IT सिक्योरिटी के नाम से भी जाना है। यह सूचना तकनीक की वह शाखा है , जिसे विशेषकर कंप्यूटर की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। 

साइबर क्राइम क्या है - What is Cyber Crime in Hindi

साइबर अपराध क्या है ? साइबर क्राइम से मतलब है कि 'कंप्यूटर जनित' अपराध।  कंप्यूटर और इंटरनेट से जुड़े अपराध कोई साइबर अपराध कहा जाता है यूरोपियन साइबर क्राइम ट्रीटी काउंसलिंग के अनुसार साइबर क्राइम एक ऐसा अपराध है जो डाटा एवं कॉपीराइट के विरुद्ध की गई राधे गतिविधि को बढ़ावा देता है।


 कंप्यूटर  विज्ञानी जेवियर गीज  के अनुसार, ''साइबर क्राइम कंप्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से होने वाला अपराध है, जिसमे  जालसाजी अनाधिकृत  प्रवेश और साइबर स्टॉकिंग सम्मिलित हैं। ''

साइबर  क्राइम वह  अनुचित कार्य है, जिसमें कंप्यूटर, उपकरण की भांति या लक्ष्य की भाँति अथवा दोनों प्रकार से प्रयोग किया जाता है। 

साइबर क्राइम किसी भी समय किसी भी स्थान पर दुनिया के किसी भी कोने में बैठे हुए व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है। साइबर क्राइम में कंप्यूटर और  उससे संलग्नक उपकरण  का प्रयोग तीन प्रकार से  किया जा सकता है,  जो निम्न हैं 

  • एजेंट के रूप में
  • अपराध के रूप में 
  • कंप्यूटर को ही लक्ष्य बनाकर

'साइबर अपराध' पद का प्रयोग परंपरागत कंप्यूटर अपराधों के साथ-साथ नेटवर्क अपराध से संबंधित अपराधों की  विस्तृत श्रेणी को परिभाषित करने में किया गया है।ये अपराध अनेक तरीकों में भिन्नता के लिए होते हैं, इनके लिए एक निश्चित सीमा में व्यवस्था  कर पाना संभव नहीं है। 

Element of Cyber Crime 

Copyright act 

एक व्यक्ति के व्यापार उद्योग या उत्पादों को एक विशिष्ट (unique) पहचान प्रदान करने के लिए और अपने उपभोक्ताओं को सेवाएं प्रदान करने के लिए ट्रेडमार्क एक कानूनी पहचान। ट्रेडमार्क नाम, शब्द, प्रतीक, डिजाइन  लोगों की एक यूनिक (unique) पहचान है। 

कॉपीराइट एक्ट प्राधिकरण के अधिकार से संबंधित एक विशेष कानून है। भारतीय कॉपीराइट अधिनियम 1957  के अंतर्गत भारत का कॉपीराइट कानून संचालित है।

कॉपीराइट एक प्राधिकरण साहित्य की एक मूल रचना है नाटक के संगीत एवं कलात्मक कार्य सिनेमा याद ग्राफिक फिल्मों के निर्माता ध्वनि रिकॉर्डिंग के लिए कानून द्वारा दिया गया अधिकार हैकॉपीराइट अधिनियम निर्माता के प्राधिकरण का अधिकार लेखक की रचना को सुरक्षा प्रदान करता है। 

Cyber or Web Defamation

इस प्रकार के अपराध में किसी व्यक्ति द्वारा अन्य किसी इंटरनेट उपयोगकर्ता का पासवर्ड तोड़कर उसके नाम से दूसरे व्यक्ति को बदनाम करने वाली इमेल भेजी जाती है जिसकी सूचना उपयोगकर्ता को नहीं हो पाती है और बाद में जिसके पास ईमेल पहुंचते हो विवाद करने लगता है। 

Hacking

Hack का शाब्दिक अर्थ है - घुसपैठ (Intrusion) करना। हैकिंग से मतलब है किसी कंप्यूटर सिस्टम या नेटवर्क में सुरक्षित सूचनाओं को छेड़छाड़ करना या गलत तरीके से उस सिस्टम या नेटवर्क में प्रवेश करके उस सिस्टम में किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा डाटा और सूचनाओं को चुरा लेना या गलत तरीके से डाटा का प्रयोग करना है। 

नेटवर्क  प्रोग्रामिंग के द्वारा हैकिंग की जा सकती है। हैकर्स नेटवर्क को तोड़ने तथा पासवर्ड को हैक करने के लिए प्रोग्राम बनाते हैं और प्रोग्राम की सहायता से गलत काम करते हैं। 

हैकिंग की  शुरुआत 'व्हिस्कर' नामक प्रोग्राम से हुआ था, जिसका प्रयोग सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर (Administrator) अपने सिस्टम की कमियों को जानने के लिए करते हैं।

इसी प्रोग्राम की सहायता से हैकर एक मिनट में यह जान लेता है कि उस सिस्टम में कौन सा ऑपरेटिंग सिस्टम है और  उसमें कितनी सुरक्षा कमियां उपस्थित है तथा सुरक्षा का निवारण करने के लिए पैच इंस्टॉल किया गया है या नहीं। 

इसके बाद स्केनर प्रोग्राम तथा अन्य सॉफ्टवेयर की सहायता से सुरक्षा का स्थानीय फाइल में एक वायरस ट्रोजन  हार्स  डाल दिया जाता है जो कंप्यूटर द्वारा Log in करने पर बिना किसी की वास्तविक सूचना के हैकर को कंप्यूटर से संबंधित सूचनाएं भेजना सुरु कर देता है। 

Pornography 

इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटर जानकार बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के अश्लील तस्वीरों का प्रचार और  प्रसार करते हैं इस प्रकार के असली अश्लील तस्वीरों को देखकर नाबालिक  बच्चे और किशोर अनुचित यौन संबंधों की ओर प्रेरित होते हैं। 

इंटरनेट के माध्यम से साइबर यौन अपराधी इंटरनेट के अन्य उपयोगकर्ताओं तक सरलता से पहुंच जाता है।  अमेरिका, ब्रिटेन, रूस जर्मनी में साइबर Pornography काफी बड़े पैमाने पर प्रसारित है

अमेरिका में तो पोर्नोग्राफी की रोकथाम के लिए ''द इनोसेंट , अमेजिंग नेशनल इंस्टिट्यूट'' नामक संस्था का गठन किया गया है। पोर्नोग्राफी  के अंतर्गत तीन प्रकार के अपराध आते हैं

  1. अश्लील साहित्य को नेट पर उपलब्ध कराना 
  2. अश्लील साहित्य का वितरण अश्लील चित्र पर डालना
  3. ब्लैक मेलिंग के लिए किसी का अशिस्ट रूप करके नेट पर डालना

Identify Theft

इस प्रकार के अपराध में आर्थिक लाभ को पानी के लिए या अपराधिक गतिविधियों के लिए किसी व्यक्ति की पहचान चोरी की जाती है। 

इस प्रकार के साइबर क्राइम में कोई व्यक्ति गलत तरीके से किसी अन्य व्यक्ति का व्यक्तिगत डेटा या व्यक्तिगत गोपनीय सूचना गलत ढंग से चुरा लेता है और का प्रयोग अपने पहचान छिपाकर तथा अन्य व्यक्ति की पहचान प्रदर्शित करके किसी अधिक लाभ के लिए करता है। 

हालांकि इस अपराध में पहचान बहुत चलाकि से चोरी की जाती है। व्यक्ति बहुत समय तक या नहीं जान पाता है कि उसकी पहचान को चुरा लिया गया है छोरी के दो प्रकार होते हैं। 
 खाते का अधिग्रहण (Account Takeover)
वास्तविक  की चोरी ( Real Name Theft)

Cyber spying

कंप्यूटर के माध्यम से किसी कंपनी या सरकारी नेटवर्क की 'हैकिंग' का कार्य तथा गोपनीय सूचना को गुप्त रूप से देखना ही साइबर जासूसी कहलाता है। 

साइबर क्राइम के लिए सजा penalty for cyber crime 

  • चोरी करे हुए कंप्यूटर रिसोर्स के लिए सजा --  जो कोई चोरी किए हुए कंप्यूटर रिसोर्स या कम्युनिकेशन डिवाइस को प्राप्त करता है, कंप्यूटर रिसोर्स या कम्युनिकेशन डिवाइस को चोरी करने वाला व्यक्ति कारावास की सजा प्राप्त करेगा जो 3 वर्ष के लिए या एक लाख के भुगतान के साथ बढ़ सकती है या दोनों के साथ।
  •  पहचान  चोरी के लिए सजा - ( Punishment for Identify Theft) -- जो कोई व्यक्ति किसी     अन्य व्यक्ति के इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर, पासवर्ड या कोई भी दूसरी पहचान को धोखेबाज़ी से   प्रयोग करता है, तब वो उस  प्रत्येक व्याख्या के साथ जेल में सजा काटेगा, जो तीन वर्ष के   लिए  हो सकती है और जुर्माने के लिए उत्तरदायी भी हो सकता है , जो एक लाख तक हो सकती   है।
  •   प्रोटेक्टिड सिस्टम ( Protected system) -- उपयुक्त सरकार के पास आधिकारिक गजट             (Official  Gazette) में  सूचना हो सकती है , जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से महत्वपूर्ण सूचना   के बुनियादी ढाँचे (Basic structure) को प्रभावित कर सकती है , वो एक प्रोटेक्टेड सिस्टम है। 
  •     उपयुक्त  सरकार (Appropriate Government) व्यक्ति को लिखने के लिए अधिकार दे सकती   है,  कि कौन प्रोटेक्टेड सिस्टम को एक्सेस के लिए  अधिकार देगा।  इन प्रोटेक्टेड सिस्टम के लिए केंद्र सरकार (Central Government) इनफार्मेशन सिक्योरिटी के लिए सलाह दे सकती है। 

साइबर क्राइम रिपोर्ट कैसे करे 

साइबर धोखाधड़ी के कारण होने वाले वित्तीय नुकसान को रोकने के लिए केंद्र ने राष्ट्रीय हेल्पलाइन 155260 और रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म का संचालन किया।

एक बयान में, केंद्र ने एक बयान में कहा, एक सुरक्षित और सुरक्षित डिजिटल भुगतान इको-सिस्टम प्रदान करने के लिए मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए, गृह मंत्रालय (MHA) ने वित्तीय को रोकने के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन 155260 और रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। साइबर फ्रॉड से नुकसान संचालित किया है। 

हेल्पलाइन को 1 अप्रैल, 2021 को सॉफ्ट लॉन्च किया गया था। हेल्पलाइन 155260 और इसके रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म को भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के सक्रिय समर्थन और सहयोग से चालू किया गया है। बैंक, पेमेंट बैंक, वॉलेट और ऑनलाइन मर्चेंट।

वर्तमान में, यह नंबर सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (छत्तीसगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश) में चालू होगा। सरकार ने कहा कि पैन-इंडिया कवरेज के लिए इसे अन्य राज्यों में रोल आउट किया जा रहा है।

महिलाओं के खिलाफ साइबर क्राइम 

इंटरनेट का उपयोग करने का अधिकार अब मानव अधिकार बन गया है, जैसा कि जून 2016 में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा घोषित किया गया था। भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है और आधुनिक भारत के विचार पर जोर दिया गया है। 

इसके सर्व-समावेशी विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी। इस शोध पत्र में, लेखक भारतीय समाज में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते साइबर अपराधों के एक प्रमुख कारण के रूप में इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक आसान पहुंच के लिए बढ़ी हुई तकनीक की भूमिका का विश्लेषण करेंगे।

नेटिज़न्स, प्रभारी महिलाएं, इंटरनेट के माध्यम से की जाने वाली आपराधिक गतिविधियों के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं, जिन्हें साइबर अपराध भी कहा जाता है। 

पुलिस विभाग और जांच एजेंसियों के साथ न्यायपालिका को ऐसे अपराधियों से एक कदम आगे बढ़ने के लिए आधुनिक वेब-आधारित अनुप्रयोगों के साथ जोड़ा जाना चाहिए। 

साइबर अपराध के खतरे से निपटने वाले विभिन्न कानूनों के तहत उपलब्ध कानूनी उपायों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। वर्तमान कानूनी परिदृश्य में सरकार की भूमिका और सरकार की जवाबदेही पर भी विस्तार से चर्चा की गई है। 

महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराधों में वृद्धि और पीड़ित पर ऐसे अपराधों के प्रभाव के परिणामस्वरूप विभिन्न कारकों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

सिस्टम में खामियों को ध्यान में रखते हुए, पेपर ने निष्कर्ष निकाला है कि न तो भारतीय दंड संहिता, 1860 के प्रावधान और न ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 ऐसे अपराधों से संतोषजनक ढंग से निपटते हैं और इसे रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय प्रदान करने में विफल रहते हैं।  

अंत में, लेखक ने महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराधों के मुद्दे को समग्र और प्रभावी तरीके से संबोधित करने के लिए कुछ आवश्यक उपायों की सिफारिश की है।


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